Pujya Premanand Ji Maharaj : एक भक्त प्रेमानंद महाराज जी को दंडवत प्रणाम करते हुए कहते हैं कि महाराज जी आपके श्री वचनानुसार चलते हुए भागवत मार्ग पर चलने का प्रयास कर रहा हूं महाराज जी पूर्व में सत्संग के अभाव से मुझसे बहुत सी गलतियां और अपराध हुए हैं जिसमे आपकी कृपा से दूर हुआ हूँ मैं।
महाराज की बचपन से पुरुष शरीर आकर्षण के कारण मन की स्थिति खराब थी और मोबाइल की दिनचर्या थी अब में ऐसा क्या करूं की सारी गलतियां माफ हो जाए। इस प्रश्न पर गुरुजी उत्तर देते हुए कहते हैं कि
'अब लौं नसानी अब न नासैहों '
अर्थ - इसका अर्थ है कि आप जो भी मुझसे गलतियां हुई है अब आगे ऐसी गलतियां नहीं करूंगा।
प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं कि भगवान अपने शर्णागत के पूर्व के किये हुए पापों को नष्ट कर देते हैं। आप भगवान के शरणागत हो अंदर से हृदय साफ है तो आप भगवान के हो पर आपको यह याद रखना है कि अब आगे आपसे कोई भी ऐसी गलती ना हो। भगवान का नाम जप करो, सत्संग सुनो, गंदे आचरणों की तरफ घृणा करो।
पूज्य प्रेमानंद महाराज जी निरंतर राधा राधा नाम जप करने को कहते हैं और कहते हैं कि आपको नाम जप करने का फल भी मिलेगा। बस थोड़ा समय लगेगा परंतु नाम जप करने का फल अवश्य ही आपको मिलेगा।