Premanand Govind Sharan : प्रेमानंद महाराज जी ने बताया नकारात्मक शक्तियों के बीच सकारात्मक कैसे रहें?
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Premanand Ji Maharaj : आज के समय में हर इंसान नकारात्मक शक्तियों के बारे में सोच सोच कर परेशान है चाहे बुजुर्ग हो या नवयुवक नकारात्मक शक्तियां इस प्रकार होती हैं कि यदि हमारे दिमाग में प्रवेश कर जाए तो हमारा जीना ही मुश्किल हो जाता है क्योंकि हम रात दिन उसी के बारे में सोचते रहते हैं इसी नकारात्मक शक्ति से मुक्ति पाने के लिए वृंदावन के रसिक संत श्री प्रेमानंद जी महाराज ने बताया है कि नकारात्मक शक्तियों के बीच में रहकर हम सकारात्मक कैसे रह सकते हैं आईए जानते हैं।
प्रेमानंद महाराज जी कहते हैं कि हमारे दिमाग में जो कुछ भी चल रहा है उसको हटाने से नकारात्मक शक्ति है जाती है। प्रेमानंद महाराज जी उदाहरण देते हुए कहते हैं कि यदि आप अपनी दृष्टि बदल लेते हैं तो सारी सृष्टि बदल जाएगी। यदि हमारी दृष्टि सही है तो सृष्टि सही है क्योंकि हमारी दृष्टि से ही सब कुछ है। यदि हमारी दृष्टि अच्छी है तो हमको सब अच्छे ही नजर आएंगे।
'बुरा जो देखन मैं चला, बुरा ना मिलिया कोई
जो दिल खोजा आपना मुझसे बुरा ना कोय'
अर्थात - संत कबीर दास जी कहते की सज्जन लोग दुनिया में बुराई नहीं देखे वे अपनी ही कमियां देखते हैं और उन पर काबू पा लेते हैं।
नकारात्मक शक्ति दूर करने के लिए मौन रहे -
संत श्री प्रेमानंद महाराज जी कहते हैं कि यदि हमें अपने जीवन से नकारात्मक शक्ति से दूर रहना है तो मौन रहे और नाम जप करें। यदि आपके साथ रहने वाले मित्र माँस, मदिरा का सेवन करते हैं तो आप उनसे दूर रहे और राधा राधा नाम जप करें।
अपनी दृष्टि सुधारे :
प्रेमानंद महाराज जी कहते हैं कि हमें संसार को नहीं देखकर चलना है हमें अपनी दृष्टि को सुधारना यदि हम अपनी दृष्टि को सुधार लेंगे तो हमारे जीवन में सकारात्मक भाव होंगे। क्योंकि पूरी सृष्टि के स्वामी भगवान है। और प्रेमानंद महाराज जी कहते हैं कि हमें अपने अंदर के दुर्गुण को दूर कर देना चाहिए और राधा राधा नाम जप करते रहना चाहिए।
Premanand Govind Sharan : प्रेमानंद महाराज जी ने बताया नकारात्मक शक्तियों के बीच सकारात्मक कैसे रहें?