Premanand Govind Sharan : क्या आप जानते हैं प्रेमानंद महाराज जी हर दिन कैसे करते हैं अपनी दिनचर्या ?

ये बात तो हम सभी जानते हैं कि इंसान हर दिन अपने आपको अनुशासित तभी रख सकता है जब उसके मन में भक्ति भाव हो अच्छे आचरण हों क्योंकि एक दिन तो हर कोई रह सकता है पर हर दिन अपने आपको अनुशासित रखना बहुत ही गौरव की बात है। आइये जानते हैं प्रेमानंद महाराज जी द्वारा बताई गई दिनचर्या के बारे में। 

क्या आप जानते हैं प्रेमानंद महाराज जी हर दिन कैसे करते हैं अपनी दिनचर्या ? 

वृंदावन के रसिक संत शिरोमणि श्री प्रेमानंद महाराज जी अपनी दिनचर्या को बताते हुए कहते हैं कि सबसे पहले तो सत्संग सुनें जिससे हमको पता चल सके की हमको क्या करना चाहिए क्या नहीं। हमारे लिए क्या मंगल है क्या अमंगल है और साथ ही स्वाध्याय करें। 

जैसे कि - श्रीमद् भगवतगीता, रोज  स्वाध्याय करें 5 मिनट या एक घंटे जितना आपके पास समय हो। यहां तक की परमानंद महाराज जी कहते हैं कि यदि आपके पास समय नहीं है भगवत गीता करने का तो आप चलते फिरते भी भगवत गीता का स्मरण कर सकते हैं। 

नाम जप करें - 

श्री प्रेमानंद महाराज जी कहते हैं कि नाम जप करने से हमें पवित्रता आती है और हमें पता चलेगा कि क्या करना चाहिए क्या नहीं क्योंकि हमारे मन की हर एक इच्छा पूरी करना जरूरी नहीं है उसमें से कुछ इच्छा जरूरी है कुछ नहीं है। 

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