कृष्ण भजन हँसा के क्यों रुलाया रे - Hansa Ke Kyon Rulaya Re

 कृष्ण भजन हँसा के क्यों रुलाया रे -  Hansa Ke Kyon Rulaya Re 

हँसा के क्यों रुलाया रे रुलाया रे कन्हैया 
ठाकुर मेरे ठाकुर मेरे  

रोके रोके ना आँख से आंसू उमड़ के बरसे 
तुझ बिन कौन सुनेगा मेरी जाऊँ कहाँ में दर से 
 
रूठ गई क्यों मुझसे बहारें 
बता दे रे कन्हैया ठाकुर मेरे 

हँसा के क्यों रुलाया रे रुलाया रे कन्हैया 
ठाकुर मेरे ठाकुर मेरे 
 
फूल खिला के खुशियों के ये क्या हुआ मुख मोड लिया 
हाथ पकड़ कर चलने वाले काहे अकेला छोड़ दिया 
 
आस जगा के शरण लगा के
सताए रे कन्हैया  

ठाकुर मेरे ठाकुर मेरे 
हँसा के क्यों रुलाया रे रुलाया रे कन्हैया  

ठाकुर मेरे ठाकुर मेरे 
चांद बिना क्या चांदनी रहती दीप बिना क्या बाती 

ये धरती पालन हारे बिन कैसे रहे मुस्काती 
भूल भुला के फिर से हँसा दे  

हँसा दे रे कन्हैया
ठाकुर मेरे ठाकुर मेरे 

हँसा के क्यों रुलाया रे रुलाया रे कन्हैया 
ठाकुर मेरे ठाकुर मेरे  

 कृष्ण भजन हँसा के क्यों रुलाया रे -  Hansa Ke Kyon Rulaya Re 


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