एक भक्त ने प्रणाम करते हुए गुरुदेव से पूछा कि गुरुदेव अधिक समय तक प्रभु का ध्यान करने पर सिर में दर्द बढ़ने लगता है तो मैं ऐसे समय में झंडू बाम लगाकर अध्ययन करने का प्रयत्न करता हूँ।
प्रेमानंद महाराज जी कहा कि इसका प्रधान कारण है ब्रह्मचर्य की कमी और गुरुजी कहते हैं की ध्यान में तो उल्टा होना चाहिए आशुँ आना चाहिए ह्रदय पुलकित होना चाहिए। प्रेमानंद महाराज जी कहते हैं कि यदि हम प्रिया प्रीतम का ध्यान कर रहे हैं या सिया राम जी का ध्यान कर रहे हैं तो हमको आंसू आना चाहिए शरीर की सुध भूल जाना चाहिए ना कि सर दर्द होना चाहिए।
ब्रह्मचर्य पर ध्यान दें :
संत प्रेमानंद महाराज जी वैरागी संत भगवान को सवधानियाँ रखने के लिए सबसे पहले ब्रह्मचर्य पर ध्यान देना चाहिए। और नासाग्र दृष्टि से ध्यान करें। इससे आपकी एकाग्रता बलवान हो जायेगी।
मोबाइल का दुरूपयोग ना करें :
आज के समय में मोबाइल के कारण इंसान बहुत ही ज्यादा व्यभिचारी और गंदे आचरण करने लगा है ऐसा नही है की मोबाइल अच्छी वस्तु नहीं है मोबाइल में सारे विश्व की जानकारी दी गई है यदि हम उसका अच्छा उपयोग करें तो हमारे जीवन में हमें बहुत ही आनंद मिल जायेगा जायेगा। परंतु गुरुजी कहते हैं की मोबाइल सबसे बड़ा दोष है। लेकिन यदि हम मोबाइल का सदुपयोग करेंगे तो हमें कोई हानि नहीं है।