राम भजन हम वनवासी हैं वन को चले - Ham Banwasi Hai Van Ko Chale Bhajan Lyrics
हम वनवासी हैं वन को चले
तुम जश्न मनाना आंगन में
तुम जश्न मनाना आंगन में
जब भरत के सिर पर ताज बँधे
तुम दीप जलाना आंगन में
हम वनवासी हैं वन को चले
तुम जश्न मनाना आंगन में
दुनिया वाले मां कुछ भी कहें
तुम ध्यान में कुछ ना लाना माँ
मेरे पूज्य पिता की सेवा करना
पति धर्म निभाना आंगन में
हम वनवासी हैं वन को चले
तुम जश्न मनाना आंगन में
जब अवध में कोई त्यौहार मने
मां याद हमे भी कर लेना
मां भरत शत्रुघ्न दोनों को
सीने से लगाना आंगन में
हम वनवासी हैं वन को चले
तुम जश्न मनाना आंगन में
ननिहाल से लौटे भरत लाल
उनसे मां तुम कुछ मत कहना
मत कहना की राम वन को गये
बस आंसू बहाना आंगन में
हम वनवासी हैं वन को चले
तुम जश्न मनाना आंगन में
जब भरत के सिर पर ताज बंधे
तुम दीप जलाना आंगन में
हम वनवासी हैं वन को चले
तुम जश्न मनाना आंगन में
Ham Banwasi Hai Van Ko Chale Bhajan Lyrics
राम भजन हम वनवासी हैं वन को चले - Ham Banwasi Hai Van Ko Chale Bhajan Lyrics
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