मत बुरे कर्म कर बंदे वरना पछताएगा भजन लिरिक्स - Mat Bure Karm Kar Bande Varna Pachtayega Bhajan Lyrics
मत बुरे कर्म कर बंदे वरना पछताएगा
भगवान की आंखों से तू बच नहीं पाएगा
अरे ओ अज्ञानी मत कर नादानी
बैठा है बड़ी आशा से भोले दरबार में
क्यों रोए भोले बैठा तेरे संसार में
अरे ओ अज्ञानी मत कर नादानी
मत बुरे कर्म कर बंदे वरना पछताएगा
भगवान की आंखों से तू बच नहीं पाएगा